काला चना हम भारतीयों की डाइट का अहम हिस्सा था, है और आगे भी रहेगा। दारा सिंह जी और उनके भी पहले के जमाने से लोग कहते आ रहे हैं – जो खाए चना वो रहे बना। ये इतना उम्दा फूड है कि इसकी तारीफ में आप यकीनन पुल बांध सकते हैं।
यह वजन कम करने में मदद करता है, मसल्स बनाने में मदद करता है, सेहत बनाने में मदद करता है। इसकी खासियत है आसानी से उपलब्ध होना और सस्ता होना। इसे आप भिगो के खा सकते हैं। पका के खा सकते हैं या भून कर भी। ये गजब का फूड है। इस लेख में आपको इन सवालों के जवाब मिलेंगे :
- 100 ग्राम काला चना में कितना प्रोटीन होता है
- काला चना के लाभ
- काला चना खाने के नुकसान
- काला चना कितना खायें
लाभ / Benefits
काला चना गुणों की खान है। ये उन लोगों के भी काम आता है जो वजन बढ़ा रहे हैं। ये उन लोगों के भी काम आता है जो वजन घटा रहे हैं। सफर का सबसे मजबूत साथी होता है भुना हुआ काला चना। सबसे सेहतमंद स्नैक्स भी यही है। फिर भी एक बार हमें विस्तार से इसके फायदों पर बात कर लेनी चाहिए। काला चना, सफेद चना, राजमा, मूंगफली, पनीर, मूंग, बादाम और सोयाबीन वो शाकाहारी चीजें हैं, जिनकी बदौलत हम अच्छी बॉडी बना सकते हैं।
सेहत की पोटली है
काला चना पोषक तत्वों की पोटली है। इसमें कैलोरी न बहुत ज्यादा है और ना ही बहुत कम। सौ ग्राम चने में करीब 347 कैलोरी होती है। इसकी खासियत है इसमें मौजूद प्रोटीन, फाइबर, आयरन और कैल्शियम। इस टेबल को देखकर आपको अंदाजा हो जाएगा कि चना कितने काम का है –
पोषण तथ्य / Nutrition Facts*
Calories – 347
Fat – 5 ग्राम
Dietary fiber – 20 ग्राम
Protein – 15 ग्राम
Iron – 20% (रोज की जरूरत का)
Vitamin A – 63% (रोज की जरूरत का)
Calcium – 40% (रोज की जरूरत का)
*सौ ग्राम में
अच्छी क्वालिटी का प्रोटीन
चना आपको प्लांट बेस्ड प्रोटीन देता है। जाहिर सी बात है शाकाहारी लोगों के लिए यह एक अच्छी च्वाइस बन सकता है। कुछ अध्ययन में यह भी दावा किया गया है कि अन्य दालों व बीन्स के मुकाबले चने में पाये जाने वाले प्रोटीन की क्वालिटी ज्यादा बेहतर होती है। इसमें एक अमीनो एसिड – methionine को छोड़कर बाकी सभी अमीनो एसिड पाए जाते हैं। प्रोटीन हमारी बॉडी में जाकर अमीनो एसिड में ही तब्दील होता है। वैसे तो राजमा में प्रोटीन चने से ज्यादा होता है, मगर इसकी कीमत भी तो राजमा से कम होती है।
आंतों को दुरुस्त रखता है
चने का फाइबर हमारी आंतों के लिए बड़े काम का है। ये एक तरह के जूने का काम करता है जो हमारी आंतों की सफाई करता है। ये बात तो आप जान ही लें कि हम जितना चना खाते हैं उतने को हजम नहीं कर पाते। इसके कई अंश वैसे के वैसे बाहर निकल जाते हैं। ये जब हमारी आंतों में पहुंचता है तो उसकी पूरी सफाई करते हुए बाहर निकलता है। यह आंतों के कैंसर से भी हमें बचाता है।
वेट मैनेजमेंट में मदद करता है
जिन्हें वजन घटाना या मैनेज करना है उनकी बहुत मदद करता है। ये काफी हैवी होता है। इसे हजम करने में वक्त लगता है। इसे खाने के बाद आपको जल्दी भूख नहीं लगती। जिन लोगों को वेट कम करना है वो स्नैक्स के तौर पर अगर भुना चना खाएं तो उन्हें कम भूख लगेगी।
आप खुद ट्राई करके देखें, थोड़े से भुने चने खाने के बाद ही आपको पेट भरा-भरा महसूस होने लगेगा। इसके अलावा इसमे कैलोरी की मात्रा सीमित होती है। सौ ग्राम में केवल 347 कैलोरी होती है। अगर आप पूरा सौ ग्राम खा लेंगे तो समझ लें कि आधे दिन की छुट्टी हो गई।
ब्लड शु्गर को नियंत्रित करता है
चना शुगर को मैनेज करने में भरपूर मदद करता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) बहुत कम होता है। यह इंडेक्स बताता है कि किसी चीज को खाने के बाद आपका ब्लड शुगर लेवल कितनी तेजी से बढ़ता है।
जिन फूड का जीआई कम होता है उन्हें शुगर मैनेजमेंट के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इसके अलावा इनमें फाइबर भी खूब होता है और फाइबर भी ब्लड शुगर को लो रखने में मदद करता है। क्योंकि फाइबर कार्बोहाइड्रेट को हजम करने की रफ्तार को धीमा कर देता है। इससे आपकी बॉडी में चने से मिलने वाली एनर्जी धीरे-धीरे एब्जॉर्ब होगी।
नुकसान / Side effects
मोटे तौर पर इसको खाने के कोई नुकसान नहीं हैं। हालांकि ये फूड काफी टफ होता है इसलिए ज्यादा मात्रा में खाने पर कुछ परेशानियों सामने आ सकती हैं। आपने ये तो सुना ही होगा कि चना घोड़ों की डाइट का अहम हिस्सा होता है।
इसे हजम करना आसान नहीं : इसे हजम करने और इससे पूरा लाभ लेने के लिए यह जरूरी है कि आप कसरत करें। इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि चने का जितना हिस्सा आपने अपने दांतों के भीतर ठीक से पीस लिया वो ही हजम हो पता है। बाकी वैसे का वैसा बाहर निकल जाता है।
यह दस्तवार भी होता है : चने को दस्तवार कहा जाता है यानी इसे खाकर पेट चलने की समस्या आ सकती है। जिन लोगों का पेट कमजोर हो वो इसे खाएं तो ठीक नहीं रहता। इसका गुण ही इसकी कमजोरी भी है। मतलब ये कि सीमित मात्रा में खाएं तो ये बहुत अच्छे से पेट साफ कर देता है, मगर ज्यादा खा लें तो कई बार पेट चल भी सकता है।
यह एसिडिटी बढ़ाता है : इससे गैस की समस्या भी बढ़ती है। जिन लोगों को एसिडिटी की समस्या है उसे इसे खाने से परहेज करना चाहिए या काफी सीमित मात्रा में खाना चाहिए। अंकुरित चना और ज्यादा एसिडिटी करता है। इसीलिए इसके साथ प्याज, लहसुन, काला नमक व हींग जैसी चीज खाई जाती हैं।
ये भूख मारता है : काला चना काफी हैवी होता है। इसमें फाइबर की मात्रा भी खूब होती है इसलिए इसे खाने से भूख मरती है। इसका गुण और अवगुण देनों है। जिन लोगों को वेट लॉस करना है उनके लिए तो यह फायदे की बात है मगर जिन लोगों को वेट गेन करना है उनके लिए थोड़े नुकसान की बात है। इसीलिए हमेशा कहा जाता है कि सीमित मात्रा में इसका सेवन करें।
कितना खाएं / How much should I eat
आपको एक दिन में कितना काला चना खाना चाहिए ये इस बात पर डिपेंड करता है कि आपका हाजमा कैसा है, कसरत कैसी और आपका बिल्ड कैसा है। लोग तो आधा किलो तक एक दिन में खा जाते हैं।
एक सामान्य शख्स के तौर पर बात करें तो आप रोज 50 ग्राम भीगा हुआ या अंकुरित काला चना आराम से खा सकते हैं। आप चाहें तो इसे उबाल कर भी खा सकते हैं।
अगर आप बॉडी बना रहे हैं तो भी इस बात को याद रखें कि केवल काला चना पर ही डिपेंड नहीं होना है। अपनी डाइट में मूंगफली, दालें, राजमा, चिकन, अंडे, दही, दूध, पनीर और सोयाबीन को भी शामिल करें।
गुरु जी बस एक ही शंका हैं उम्मीद हैं आप जरुर शंका दूर करेंगे
100 ग्राम उबले चने, भूनें हुए चने और भीगे हुए चने में प्रोटीन की मात्रा एक समान होती हैं या अलग अलग
अगर अलग अलग होती हैं तो प्लीस तीनो(उबले, भूने, भीगे)की प्रोटीन की मात्रा बताए
🙏🙏🙏
देखो भाई न खुद इतना सोचो न मुझे इतना सोचने पर मजबूर करो। चले के भरोसे हम बॉडी बिल्डिंग नहीं करते। हम उसे केवल इसलिए रखते हैं कि ये एक हेल्दी स्नैक्स है। इसमें फाइबर बहुत होता है। 100 ग्राम चने में करीब 14 ग्राम प्रोटीन होता है। मैंने इसे चेक नहीं किया मगर मुझे यही याद पड़ता है। हां भीगे में थोड़ा ज्यादा प्रोटीन होता है। लेकिन इसे हजम करना आसान नहीं होता, इसलिए मेरी यही सलाह होती है कि इसे आप उबाल कर खाएं। मैं एक बार फिर कह देता हूं, चने खाएं मगर चने के भरोसे आप बॉडी बिल्डिंग ना करें। इससे बेहतर रहेगी मूंगफली।