बॉडीबिल्डिंग के सबसे पॉपुलर सपलीमेंट में ग्लूटामिन अथवा ग्लूटामाइन (glutamine) का नाम आता है। ये सफेद रंग का पाउडर आमतौर पर वर्कआउट के बाद प्रोटीन के साथ लिया जाता है। अक्सर इसके बारे में यही कहा जाता है कि ग्लूटाइमन साइज को होल्ड करके रखता है यानी ये साइज नहीं गिरने देता। हालांकि ये बात 100% सच नहीं है। यहां हम ग्लूटामाइन या जिसे ग्लूटामिन भी कहते हैं- उसके बारे में पूरी जानकारी देंगे ताकि आप इसे यूज करने या ना करने का फैसला ले पाएं।
ग्लूटामाइन क्या है
ग्लूटामाइन एक अमीनो एसिड है और शरीर में खूब पाया जाता है। यह हमारे मसल्स में जमा होता है। यह तमाम शारीरिक गतिविधियों में एक ईंधन के तौर पर खर्च होता है। यह नाइट्रोजन को शरीर के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाता है। इन सब तथ्यों के बावजूद सच ये है कि यह इतनी भारी चीज नहीं है, जिसके बिना आम आदमी का काम नहीं चल सकता। हमारा शरीर खुद इसे तैयार कर लेता है इसलिए ऐसे केस सुनाई नहीं पड़ते जहां ग्लूटामिन की कमी से किसी को कोई परेशानी आई हो। सप्लीमेंट के तौर पर इसका इस्तेमाल आमतौर पर बस खिलाड़ी और बॉडी बिल्डर करते हैं क्योंकि यह मसल्स के उत्पादन में मदद करता है।
कहां पाया जाता है
खाने की तमाम चीजों में ग्लूटामाइन पाया जाता है। ज्यादा प्रोटीन वाले खाने में इसकी मात्रा भी आमतौर पर ज्यादा होती है। जैसे चिकन, मछली, अंडे, दूध, बीफ, पनीर, बीन्स और चुकंदर वगैरा।
ग्लूटामाइन के फायदे
1 घाव को तेजी से भरने में मदद करता है:
2 ऑपरेशन के बाद मरीज की रिकवरी को तेज करता है।
3 मसल्स को टूटने से बचाता है और नई ग्रोथ में मदद करता है।
4 शरीर में नाइट्रोजन के स्तर को सही मात्रा में बनाए रखने का काम करता है।
5 दिमाग और शरीर के कई सेल्स के लिए ईंधन के रूप में भी काम आता है।
मुझे इसे लेना चाहिए या नहीं
सच तो ये है कि ग्लूटामाइन वो सप्लीमेंट नहीं है, जिसके बिना आपका काम नहीं चलेगा। इसे ज्यादा लेने से कोई फायदा नहीं है। यह शरीर से बाहर निकल जाता है। अगर सिर्फ अपने आपको मेनटेन कर रहे हैं तो इस सप्लीमेंट का कोई काम नहीं है। आप खुद को हैवी करना चाह रहे हैं तो भी इसकी खास जरूरत नहीं क्योंकि जो लोग खुद को हैवी बना रहे होते हैं उन्हें ऐसा भोजन करना होता है, जिसमें पहले से ही ग्लूटामाइन खूब होता है। अगर आप शुरुआती दौर की बॉडी बिल्डिंग कर रहे हैं तो भी इसके बिना काम चल जाएगा। ये सप्लीमेंट भी क्रेटीन और बीसीएए की तरह है आपको खुद तय करना होगा कि जरूरत है या नहीं।
सप्लीमेंट के तौर पर ग्लूटामिन को लेना सबसे कारगर तब होता है जब आप कटिंग कर रहे होते हैं। यानी जब आप मसल्स को बरकरार रखते हुए फैट को घटा रहे हैं। अगर आप बॉडी बिल्डिंग की इस स्टेज पर हैं जो ग्लूटामिन आपके लिए बना है। वैसे पैसे आपके हैं, अगर मन नहीं मान रहा तो खा लें ग्लूटामिन। इसका कोई साइड इफेक्ट अभी तक सामने नहीं आया है। हां कितना लेना है इसका ख्याल रखें।
कितना यूज करना चाहिए
डिब्बे पर पहले से लिखा होता है, उसे जरूर पढ़ लें। वैसे पांच से आठ ग्राम तक आमतौर पर लोग ले लेते हैं। इसे प्रोटीन के साथ लेना चाहिए। एक बात और यह दो तरह का होता है ग्लूटामिन पेपटाइड और एल ग्लूटामिन (Glutamine peptide and L Glutamine)। बॉडी बिल्डिंग में ज्यादा कारगर एल ग्लूटामिन माना जाता है।
क्या वाकई इससे साइज नहीं गिरता
अगर बाजार में किसी सपलीमेंट को बेचना है तो उसके साथ कुछ तो नया जोड़ना ही होगा। ग्लूटामाइन के साथ भी कुछ ऐसा ही जोड़ा गया है। साइज गिरना या ना गिरना हमेशा आपकी डाइट पर डिपेंड करता है। अगर आपने जिम छोड़ दिया तो सबसे पहले तो बॉडी से पंप कम हो जाएगा। ये पूरी तरह से नेचुरल है और ये होना भी चाहिए। इसके बाद आपका साइज भी थोड़ा बहुत गिरेगा- ये भी नेचुरल है। जब हम एक्सरसाइज करते हैं तो बॉडी के ग्रोथ हार्मोन भी तो काफी एक्टिव हो जाते हैं इसके अलावा उस वक्त हम डाइट का ज्यादा ध्यान रखते हैं। अगर आप ये सोचेंगे कि आपने 17 इंच का बाइसेप्स बना लिया अब कसरत छोड़ देंगे और डाइट भी नॉर्मल कर लेंगे और ग्लूटामाइन आपका साइज संभाल लेगा तो आप पूरी तरह से गलत सोच रहे हैं।
मैं आपको हमेशा यही सलाह देता हूं कि सपलीमेंट को बस एक मददगार के तौर पर देखें बाकी उससे कोई उम्मीद न लगाकर बैठें। ये कोई चमत्कार नहीं होते। इन्हें बेचने पर कंपनी को ढेर सारे पैसे मिलते हैं इसलिए कंपनियां उनके विज्ञापन के लिए अलग अलग तौर तरीके खोजती है। मैं ये नहीं कह रहा कि सपलीमेंट नहीं लेना चाहिए। मैं केवल इतना बता रहा हूं कि उस पर डिपेंड नहीं रहता। आपने आज एक गिलास जूस पिया तो जाहिर सी बात है आप ये नहीं साचेंगे कि चलो तीन दिन का काम चल गया। बस सपलीमेंट को भी सिर पर बैठाने की जरूरत नहीं है।