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दिल का दोस्त और सेहत का साथी है सरसों का तेल

भले ही विज्ञापनों में ऑलिव ऑयल और दूसरे किस्म के तेल छाए रहें मगर इसमें कोई दो राय नहीं है कि हर सरसों का तेल फायदेमंद था और फायदेमंद है। इसमें फैट और एंटीऑक्सिडेंट का रेशो बिल्कुल वाजिब है। इसका स्वाद भले ही थोड़ा तीखा होता है मगर ये दिल के लिए लाभकारी हो सकता है।

एक्‍सपर्ट के मुताबिक, सरसों के तेल में लगभग 60 फीसदी मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड यानी एमयूएफए, 21 फीसदी पॉलीअनसेचुरेटेड फैट यानी पीयूएफए और लगभग 12 फीसदी सचुरेटेड फैट होता है। वेंकटेश्वर अस्पताल की रीति कपूर के अनुसार, हैल्दी फैट कहलाने वाले एमयूएफए और पीयूएफए अच्छे कोलेस्ट्रॉल को सुधारने के साथ ही दिल के स्वास्थ्य और बुरे कोलेस्ट्रॉल को भी ठीक स्तर पर बनाए रखते हैं।

इसके अलावा इसमें 1:2 के रेशो में छह फीसदी ओमेगा-3 फैटी एसिड (एन-3) और 15 फीसदी ओमेगा-6 (एन-6) सहित दो जरूरी फैटी एसिड होते हैं। ये दिल के लिए काफी अच्छे माने जाते हैं क्योंकि ये कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बैलेंस करते हैं।

इस रिसर्च के अनुसार, खाना पकाने में सरसों के तेल के उपयोग से दिल के रोग के सबसे सामान्य प्रकार कोरोनरी आर्टरी डिसीस (सीएडी) की संभावना लगभग 70 फीसदी तक कम हो जाती है। यह स्टडी ‘जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कॉर्डियोलॉजी’ पत्रिका में छपी है।

यह ब्लड फ्लो को ठीक करता है और बॉडी को हाई बीपी से बचाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरसों का तेल जैतून तेल से भी अधिक फायदेमंद हो सकता है। इसके साथ ही यह वनस्पति तेल जैसे अन्य रिफाइंड तेल से भी बेहतर होता है।

सरसों के तेल का इस्तेमाल भोजन के अलावा कई अन्य कामों जैसे शरीर और नवजात शिशुओं और वयस्कों के शरीर और सिर की मालिश में किया जाता है। इसका पेट और त्वचा के रोगों में भी इस्तेमाल किया जाता है।

तेल के उत्पादन के दौरान बीटा कैरोटीन विटामिन ए में बदल हो जाता है, जो बालों को बढ़ाने के लिए बहुत अच्छा है। इसके अलावा इसमें आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम भी पाए जाते हैं, जो बालों के पोषण में मदद करते हैं।

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