भूलने की बीमारी का अंग्रेजी नाम है अमनेशिया। फिल्म ब्लैक में अमिताभ बच्चन को इससे मिलती जुलती बीमारी हुई थी। इसमें कोई शख्स पूरी तरह से या फिर कुछ हद तक अपनी याददाश्त खो बैठता है। बूढ़े लोगों में इसके अलग अलग स्तर देखने को मिलते हैं।
जैसे जैसे उम्र बढ़ती है बीमारी और गंभीर होती जाती है। इस बीमारी से बचने या इसे कंट्रोल करने के लिए दवाएं तो बाजार में मिल ही जाती हैं मगर हम कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे आपको बता रहे हैं जो अमनेशिया से लड़ने में आपकी मदद करेंगे।
अमनेशिया के कारण और लक्षण
वर्बल अमनेशिया में व्यक्ति शब्द और नामों को भूल जाता है। इसके अलावा कुछ केसों में अमनेशिया का मरीज अपनी पहचान, नाम, उम्र, अपना परिवार तथा गुजरे जमाने की सभी बातें भूल जाता हैं। मस्तिष्क की कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त होने के कारण व्यक्ति अमनेशिया से ग्रसित हो जाता है। मस्तिष्क में होने वाले रक्त संचार में कमी के कारण ये कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
यदि व्यक्ति मानसिक तौर पर मजबूत न हो तो इसका भी नकारात्मक असर देखने को मिलता है व्यक्ति की बुद्धि पर। यदि व्यक्ति अपनी परेशानियों से उबर पाने में अक्षम होता है, तो इसका सीधा असर उसकी मानसिक स्थिति पर और उसके स्नायु तंत्र पर पड़ता है और वह अमनेशिया का शिकार हो जाता हैं। अमनेशिया का अस्थायी कारण चोट लगना भी हो सकता है।
इन 10 उपायों से तेज होता है दिमाग
1. सेब– अमनेशिया के मरीजों के लिए सेब बहुत लाभकारी है, इसको खाने से अमनेशिया में राहत मिलती हैं, क्योकि इसमें विटामिन B1, फास्फोरस, और पोटैशियम होता हैं जो ग्लूटामिक एसिड बनाने में मदद करता हैं। यह एसिड हमारे सेल्स को नियन्त्रित करती हैं। यह उपाय उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है जो अपना इलाज नहीं करा पाते है। सेब को 1 चम्मच शहद और एक कप दूध के साथ खाएं। यह हमारे दिमाग की नसों के लिए एक टॉनिक की तरह काम करता हैं और उनमें एक नया जोश पैदा करता है।
2. अखरोट– अमनेशिया में अखरोट का काम बहुत अलग होता है, ये दिमाग की कमजोरी को पहचान लेता है और उसे दूर करने में जुट जाता है। अखरोट सारे सूखे फलों में सबसे अलग है। 20 गाम अखरोट रोज सुबह खाना चाहिए।
3 रोजमैरी – अमनेशिया के मरीजों के लिए रोजमैरी सबसे लाभकारी औषधि मानी गयी है। रोजमैरी को याददाश्त बढ़ाने वाली जड़ी- बूटी के रुप में जाना जाता हैं। पुराने समय में ग्रीक और रोम के लोग रोजमैरी के फूलों से इत्र बनाकर उसकी खुशबू को सूंघते थे और ये माना जाता था कि इससे दिमाग स्थिर रहता है। रोजमैरी के फूलों से बनी हुई चाय दिन में १-२ बार पीने से मस्तिष्क का विकास होता हैं।
4 ब्राह्मी बूटी– अमनेशिया के मरीजो के लिए ब्राह्मी बूटी रामबाण का काम करती हैं, 7 ग्राम ब्राह्मी बूटी को सूखाकर उसे पानी के साथ पीस लें और उसमें 7 बादाम और काली मिर्च के दानें मिलाएं और बाद में इसमें 25 गाम चीनी मिलाएं। रोज सुबह और शाम खाली पेट इसका सेवन करें, आराम मिलेगा।
5. बादाम– बादाम से बुद्धि तेज होती है। 20 बादाम को रातभर पानी में भिगों दें। सुबह उसके ऊपर का छिलका उतार दें और उसका पेस्ट बना लें। उसमें 1 चम्मच मक्खन मिलाकर खाएं। इसके अलावा नाक में सुबह और शाम 5 से 10 बूंद बादाम के तेल को डालकर खींचने से भी याददाश्त तेज होती है।
6 तेजपत्ता– तेजपत्ता भी कमजोर मस्तिष्क के विकास के लिए बहुत लाभकारी औषधि मानी गयी है। यह औषधि मस्तिष्क के कॉरटेक्स पर सीधा असर डालती है, और दिमागी थकान को दूर करते हुए एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करती हैं। सूखे तेजपत्तों से बनी चाय पीने से स्मरण शक्ति तेज होती हैं।
7 जीरा– 3 ग्राम जीरे को 2 चम्मच शहद में मिलाएं और इसे सुबह के समय खाएं। आराम मिलेगा।
8 काली मिर्च – पांच काली मिर्च के दाने पीस लें और उसमें एक चम्मच शहद मिलाएं। इसे सुबह शाम पानी में मिलाकर नहाएं, इससे इलाज में सहायता मिलेगी।
9 अन्य फल– ऐसे सभी फल अमनेशिया से लड़ने में मदद करते हैं जिनमें फास्फोरस होता है। अंजीर, अंगूर, सन्तरा , खजूर इन सब में भी फॉस्फोरस पाया जाता है और इन सबको खाने से दिमाग की कोशिकाओं को आराम मिलता है।
10 कैसा रखें खानपान – अमनेशिया के मरीजों को अपने खान-पान का उचित ध्यान रखना चाहिए। उन्हें ऐसा खाना खाना चाहिए जिसमें फॉस्फोरस और पोटैशियम हो जैसे- दाल, अखरोट, अंडे का पीला हिस्सा , जूस और दूध। इस में गाय का दूध ज्यादा फायदा करता हैं और दूध से खाना पचने में आसानी होती हैं।
अन्य उपाय – अमनेशिया के मरीजों को आराम और चैन से सोना बहुत ही आवश्यक है। इससे दिमाग को शान्ति मिलती है और इस बीमारी में संयम की जरूरत होती हैं। अमनेशिया के मरीजों को दवाओं तथा आराम की जरूरत लम्बे समय तक पड़ती है।
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