दुखी मन से ड्राइविंग करने वाले शख्स सड़क दुर्घटना की आशंका में करीब करीब 10 गुना का इजाफा कर देते हैं। एक नई रिसर्च में यह बात सामने आई है। अमेरिका की वर्जीनिया टेक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने करीब 905 भयंकर सड़क दुर्घटनाओं का अध्ययन किया। वैज्ञानिक यह जानने की कोशश कर रहे थे कि आखिर इनकी वजह क्या है। उन्होंने पाया कि एक्सीडेंट की 90 फीसदी वजह थकान और ध्यान बटने जैसी चीजें थीं।
इसके अधार पर वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला कि अगर आप गुस्से में हैं, दुखी हैं, रो रहे हैं या इमोशनली परेशान हैं तो एक्सीडेंट करने की गुंजाइश कई गुना बढ़ जाती है।
एक मजेदार बात ये सामने आई कि जिन कारणों को एक्सीडेंट की बड़ी वजह माना जाता था वो उतनी बड़ी नहीं हैं, जैसे ड्राइविंग करते वक्त मेकअप करना या किसी गाड़ी को बहुत नजदीक से फॉलो करना। पीछे की सीट पर बैठे बच्चे से बात करना भी उतना खतरनाक नहीं पाया गया, जितना समझा जाता था।
यह रिपोर्ट नेशल एकेडमी ऑफ साइंस में छपी है। वैज्ञानिक कहते हैं, इस सबका मतलब ये है कि अगर आने वाले वक्त में हमने ड्राइविंग के वक्त ध्यान भटकाने वाली चीजों को कम नहीं किया तो अगली पीढ़ी एक्सीडेंट के खतरे में बनी रहेगी।
स्रोत – साइंड अलर्ट डॉट कॉम