खा चुके, पी चुके और बिस्तर पर आ चुके मगर नींद नहीं आ रही, इससे ज्यादा झिलाने और रुलाने वाली बात और क्या होगी। हालांकि हो सकता है इस समस्या का समाधान अंधेरे में ब्रश करने जैसा साधारण सा हो। ऑक्सफोर्ड के न्यूरोसाइंटिस्ट का तो कुछ ऐसा ही कहना है।
यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रसल फोस्टर का कहना है कि बाथरूम की जगमाहट भरी लाइट हमारी बॉडी को पूरी तरह से जगा सकती है और वो भी ऐसे समय जब हम सोने की तैयारी कर रहे होते हैं। हमारी बॉडी रोशनी के हिसाब से एक्ट करना सीख गई है। हमारी आंखें रोशनी को पढ़ लेती हैं और दिमाग को जागने का संकेत देती हैं। दिमाग, पूरी बॉडी को मैसेज भेज देता है। इसी के उलट मध्यम रोशनी पाकर हमारी आंखें और दिमाग धोखा खा जाते हैं, उन्हें लगता है कि अब सोने का समय हो रहा है और बॉडी से नींद वाले हार्मोन निकलने लगते हैं। अब यहां पर ब्रश करने वाली एक्टीविटी काम खराब कर देती है। लोग सोने से पहले ब्रश करते हैं और इस दौरान बाथरूम में भरपूर उजाला कर देते हैं। इसके चलते तेज रोशनी उनके दिमाग को एक्िटव कर देती है और फिर उन्हें लंबे समय तक नींद नहीं आती। डेली मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर रसल कहते हैं यह बहुत झिलाने वाली बात हो जाती है। मैं अक्सर सोचता हूं कि कोई ऐसा अविष्कार हो, जिससे बाथरूम की लाइट की सेटिंग दिन और रात के हिसाब से अलग अलग हो जाए।
स्रोत : डेली मेल
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