वैज्ञानिकों ने एक ऐसी किताब इजाद की है, जिसे पिया जा सकता है। इस किताब का नाम ही ड्रिंकेबल बुक (drinkalbe book) है। इस किताब के पन्ने गंदे पानी को छानने के काम आते हैं। इसमें छानने के बाद पानी काफी हद तक पीने लायक हो जाता है। किताब कुल 100 पेजों की है और इसके हर पेज पर ऐसे जीवाणु चिपके हुए हैं जो बैक्टिरया का खात्मा करते हैं। एक पेज करीब सौ लीटर पानी साफ कर सकता है। किताब के कई प्रयोग सफल हो चुके हैं। इसे बनाने वाले वैज्ञानिकों का दावा है कि एक किताब चार साल तक चल सकती है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि इन पन्नों को बनाने में चांदी व तांबे का इस्तेमाल किया गया है। इन दोनों तत्वों में पानी को साफ करने की काबलियत है यह तो भारत के लोग बहुत पहले से जानते हैं। मगर अमेरिका के वैज्ञानिकों ने इसका इस्तेमाल किया।
टफट़स यूनिवर्सिटी में एनवायरनमेंट इंजीनियर डॉक्टर डेनियल (Daniele Lantagne) ने बताया कि ड्रिंकेबल किताब ने दो स्तर के परीक्षण पास कर लिए हैं। पहले प्रयोगशाला में इसका परीक्षण किया गया और फिर असल वातावरण में। अब व्यावसायिक तौर पर इसके निर्माण का डिजाइन तैयार किया जा रहा है।
यह किताब असल में कितना काम करती है। इसके लिए बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका व घाना में करीब 25 अलग अलग पानी के नमूने लेकर इसकी क्षमता का परीक्षण किया। जो पानी इससे छन कर निकला उसके 99 फीसदी बैक्टीरिया खत्म हो गए थे।
इस किताब को कारनेगी मेलन यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता डॉक्टर टेरी ने बनाया है। इसे खासतौर पर विकासशील देशों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।
साभार बीबीसी