अच्छा तो बड़ा लगता है किसी बोतल या केन का ढक्कन खोलते वक्त जो फुस्स्स सी आवाज आती है। जुबान स्वाद लेने को तैयार हो जाती है और मन को लगता है कुछ फ्रेश माल भीतर आने वाला है। माल तो भीतर आता ही है मगर ये फुस्स्स…वाले ड्रिंक अपने साथ कई परेशानियां लेकर आते हैं।
दांत खराब – इन सभी ड्रिंक्स में कार्बन डाइऑक्साइड होती है क्योंकि यही बुलबुले बनाती है। जब यह पानी में घुलती है तो कार्बन वाला एसिड बनाती है इसी की वजह से इसका खास टेस्ट पैदा होता है। यही एसिड दांतों की ऊपर वाली सफेद परत को खा जाता है और फिर झांकने लगती है पीली परत। जो लोग लंबे समय तक इसे पीते रहते हैं उनके दातों को खतरा ज्यादा है क्योंकि उनकी लार को मुंह का वातावरण सुधारने का मौका ही नहीं मिल पाता।
सोडियम आ रहा है – कुछ ड्रिंक्स ऐसे भी हैं, जिनमें नमक की मात्रा काफी होती है। हालांकि पैकिंग पर नमक नहीं बल्कि सोडियम लिखा होता है। या फिर कुछ तो बस एनए लिख देते हैं-यह सोडियम का ही निशान है। सोडियम का रिलेशन ब्लड प्रेशर से होता है। एक छोटी से बॉटल में भी 180 एमजी सोडियम हो सकता है। एक हेल्दी शख्स को दिन में ज्यादा से ज्यादा 6 ग्राम सोडियम लेना चाहिए। अगर आपको नमक की मनाही है तो ढक्कन खोलने से पहले जरा चेक कर लें।
बुलबुले, बुलबुला बनाते हैं – रिफ्रेश करने वाले ड्रिंक्स में उठने वाले बुलबले पेट में जाकर बुलबुला बनाने लगते हैं। पेट फूला फूला रहता है और यह हमारे हाजमे में गड़बड़ियां पैदा करता है। इससे गैस, कब्ज, डायरिया और पेट दर्द हो सकता है।
सीने में जलन – जिन लोगों को सीने में जलन की शिकायत है उनकी शिकायत ये और बढ़ा सकते हैं। बुलबुले वाले ड्रिंक पेट पर और ज्यादा प्रेशर बनाते हैं, जिसके चलते पेट चीजों को ऊपर की धकेलने लगता है। बस जरा सा कैमिकल ऊपर की ओर गया नहीं कि सीने में जलन शुरू हो जाती है।
स्रोत डेली मेल