आर्मी के लोगों को जो ट्रेनिंग दी जाती है वो फंक्शनल फिटनेस के लिए दी जाती है। वो वेट भी उठा सकते हैं और कई किलोमीटर दौड़ भी लगा सकते हैं। अमेरिका के फौजियों की ट्रेनिंग में डेड लिफ्ट, बैंच प्रैस, रनिंग, स्क्वेट, पुश अप्स, पुल अप्स के अलावा रोप क्लाइंबिंग, माउंटेन क्लांइबर, स्क्वेट थ्रस्ट, आर्टिफिशियल रॉक क्लाइंबिंग, वेट थ्रो जैसी कई कसरतें
शामिल होती हैं। हमारी आर्मी में भी ऐसी ट्रेनिंग है मगर फिलहाल जिमिंग को पूरी शिद्दत से इसमें शामिल नहीं किया गया है। हमारे फौजी भाई भी फंक्शनली फिट होते हैं पर आप गौर करेंगे कि उनके पास विदेशी फौजियों जैसे डोले शोले नहीं होते।
हमें फंक्शनल फिटनेस की जरूरत क्यों पड़ती है
जो लोग प्रोफेशनल बॉडी बिल्डिंग करते हैं उन्हें छोड़ दें तो बाकी लोगों को अच्छे शरीर के अलावा और भी कई काम होते हैं। उन्हें ऑफिस जाना होता है, बच्चों को स्कूल से लाना होता है, बाजार से सामान लाना वगैरा वगैरा। ऐसे शख्स को हर तरह से फिट होना चाहिए। ऐसा सिर्फ यहां नहीं है, विदेशों में जो मिस्टर फिट या मिस फिट की प्रतियोगिताएं होती हैं उनमें
वेट ट्रेनिंग कम और बॉडी वेट ट्रेनिंग व कार्डियो जैसे चैलेंज ज्यादा शामिल किए जाते हैं, जो ताकत और स्टेमिना दोनों की परीक्षा लेते हैं। इन प्रतियोगिताओं को भी वहां इसीलिए शामिल किया गया ताकि लोग हर तरह से फिट होने के लिए प्रेरित हों।
फंक्शनल फिटनेस से जुड़ी कसरतें
रोप क्लाइंबिंग, स्क्वेट थ्रस्ट, बॉक्स जंप, केटल बेल स्विंग, रोप स्विंग, रनिंग, बर्पी, वेट मूविंग (इसमें हैवी वेट जैसे विशाल टायर को कई दफे पलटना या किसी बड़े गोल पत्थर को उठा कर किसी ऊंची जगह पर रखना, या किसी भारी चीज को दूर तक फेंकने के अलावा रस्सी के सहारे वेट बांध कर उसे लेकर मैदान में दौड़ना या घसीटना) शामिल होता है। पावर
लिफ्टिंग का वो हिस्सा जिसमें हैवी वेट उठाना और फिर सीधे पटक देना होता है। ऐसी और भी कई कसरतें इसमें शामिल होती हैं। ये सिर्फ ऐसे जिमों में हो पाती हैं, जिनमें खूब जगह हो और जिनका कोच इनके बारे में जानता हो। यह बात भी सच है कि भारत में बहुत से कोच अपने जिमों में आने वाले युवाओं को सिर्फ मशीनों और वेट से ट्रेनिंग देते हैं। अगर आप
इनके बारे में जानना चाहते हैं तो इंटरनेट और हेल्थ मैगजीनों की मदद ले सकते हैं।
कैसे की जाती है ट्रेनिंग
ये कसरतें वेट ट्रेनिंग के बाद और पहले दोनों तरीके से की जाती हैं। जो लोग हैवी मसल्स रखना चाहते हैं उन्हें पहले वेट ट्रेनिंग करनी चाहिए फिर फिटनेस से जुड़ी कसरतें। ऐसा करने से उनके मसल्स का साइज भी नहीं गिरेगा और बॉडी में जबरदस्त पंप भी आएगा। जिन लोगों का साइज बढ़ना बंद हो गया हो वो इसे करेंगे तो उन्हें यकीनन फायदा होगा। यह
आपके मसल्स को नए ढंग से ट्रेन करती हैं। जो लोग लीन मसल्स रखते हैं वो पहले इन कसरतों को करें और बाद में वेट ट्रेनिंग। वैसे लीन मसल्स वाले इसे कभी भी कर सकते हैं। ये कसरतें तेजी से की जाती हैं। इनमें आराम की गुंजाइश नहीं होती। एक के बाद एक इन्हें करना होता है। आप इन्हें सही ढंग से कर रहे हैं इसकी पहचान है पसीना। सर्दी में अगर आपको पसीने नहीं आ रहे तो आप इसे ठीक से नहीं कर रहे। ऐसी कसरतों को किसी जोड़ीदार के साथ करेंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा।
आपको क्या करना चाहिए
फिलहाल भारत में आमतौर पर सारे जिम ऐसे हैं, जहां वेट और मशीनों के अलावा कुछ नहीं होता। ऐसे में आपको पार्क या मैदान में जाना पड़ेगा। आप सप्ताह में तीन से चार दिन ही जिम जाएं उसके अलावा दो दिन पार्क जाएं और वहां पर लटकने, जंप करने, रनिंग, स्क्वेट थ्रस्ट जैसी एक्सरसाइज करें। स्क्वेट थ्रस्ट तो जिम में भी हो सकती है। मगर रनिंग करने के
बाद इसे करने का अपना ही मजा है। एक बात का ध्यान रखें, आप बेशक जिम में ट्रेड मिल पर दौड़ते होंगे पर वहां दौड़ने और पार्क में दौड़ने में फर्क है। यहां भी आप लंबी रेस और छोटी रेस दोनों लगाएं। अगर आपकी बॉडी देर से गर्म होती है तो पहले लंबी रनिंग करें और फिर स्प्रिंट (सौ मीटर वाली दौड़) लगाएं, अगर आपका स्टेमिना कम है तो पहले स्प्रिंट लगाएं और
फिर लंबी रनिंग करें। आप अपने बड़े बुजुर्गों से पूछें वो भी आपको कई कसरतें बताएंगे तो पहले की जाती थीं।
इससे क्या फायदा होगा
हर तरह से इसका फायदा है। पहली बात तो ये कि जो लोग लंबे समय से जिम जा रहे हैं मगर शरीर उस हिसाब से नहीं बन पा रहा जैसा वो चाहते हैं तो उनको इससे जरूर लाभ होगा। इन कसरतों में ग्रोथ हार्मोंस को बढ़ाने की जबरदस्त क्षमता होती है। ये आपके शरीर को नए किस्म का चैलेंज देती हैं। जो लोग अच्छा शरीर बना चुके हैं मगर पेट निकला हुआ है या फिर बॉडी का साइज वही रखते हुए एक्सट्रा फैट को हटाना चाहते हैं ये उनके लिए जरूरी है। इन सबके अलावा ये कसरतें आपको भागदौड़ के काबिल बनाती हैं। आप थका हुआ महसूस नहीं करेंगे और मसल्स के किसी एक हिस्से में दर्द की परेशानी से निजात मिलेगी। आपका शरीर लचीला भी रहेगा। इसका एक और फायदा बताते हैं, इन कसरतों से सेक्स करने
की इच्छा और क्षमता दोनों में इजाफा होता है।
पढ़ें एक बॉडी बिल्डर की कहानी जो हो गया शर्म से पानी पानी
एक बार एक बॉडी बिल्डर अपने पिता जी को लेने स्टेशन गया। पिता जी गांव से आए थे और अपने साथ आधा बोरा चावल लाए थे। उन्होंने कहा ले बेटा बोरा उठा ले और चल। बॉडी बिल्डर ने भी बोरा उठा लिया और चल पड़ा मगर प्लेटफॉर्म नंबर 11 से 1 पर आने में उसने छह जगह बोरा रखा और उसका पूरा बदन जगह जगह से दुखने लगा। उसके पिता जी ने सवाल किया कि क्या हुआ तो वह कोई जवाब नहीं दे पाया, क्योंकि उसे भी नहीं पता था कि उसके साथ ये क्या हो रहा है। जवाब ये है कि साहब की फंक्शनल फिटनेस खत्म हो गई है। फंक्शनल फिटनेस का मतलब है गठीले बदन के साथ चुस्ती और फुर्ती।
Image courtesy of David Castillo Dominici.for freedigitalphotos.net
sir 3 months me chest 3 cm kaise badhiye
बॉडी बिल्डिंग | चेस्ट बनाने का खास वर्कआउट
https://bodylab.in/2015/05/25/bodybuilding-hindi-chest-workout-in-hindi/
3 कसरतें जो चेस्ट में ऊपर तक लाइन डालती हैं
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