Spring season यानी वसंत के मौसम में गरमी और ठंड के बीच का टाइम है। इसमें दिन में गरमी और रात में ठंड होती है। यह टाइम 16 मार्च से शुरू होकर 15 मई तक चलता है। अगर मौसम बदल गया है तो जाहिर सी बात है कि हमारी बॉडी में कई तरह के कैमिकल चेंजेस हुए होंगे। अब अगर इतने बदलाव हुए हैं जो ऐसा नहीं हो सकता कि जो कुछ आप पिछले महीने खा पी रहे थे वही सब चलता रहेगा। उसमें भी बदलाव जरूरी है।
नहीं करेंगे तो ऐसा नहीं है कि अगले ही दिन बीमार पड़ जाएंगे मगर लॉन्ग टर्म में नुकसान होगा, अगर बदन में कोई बीमारी पल रही है तो और बढ़ेगी। आयुर्वेद में जो कुछ लिखा है वो बहुत ही बड़ी और गहरी रिसर्च के बाद लिखा गया है। इसलिए इसे कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए। इस लेख में हम आपको यह जानकारी दे रहे हैं कि वसंत (Vasant) के मौसम में क्या खाएं और किनसे परहेज करें।
What to eat in spring season, वसंत में क्या खाएं
जैसा कि ऊपर कहा गया है, इस मौसम में गरमी और सर्दी में अस्थिरता बनी रहती है, अत: इसका प्रभाव शरीर के स्वास्थ्य पर तुरंत ही पड़ता है। इसको ध्यान में रखते हुए इस मौसम में खान-पान और रहन- सहन में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। ठंड के मौसम में खाने पीने के लिए जो कुछ बताया गया है हल्के, ताजे, आसानी से हजम हो जाने वाले और तीखे और कसैले भोजन का सेवन करना चाहिए। चिकनाई की जगह रूखे खाने को खाना चाहिए। भोजन में चावल, चने, जौ और गेहूँ से बने चीजों को खाना और शहद का प्रयोग जरूर करना चाहिए।
अदरक, करेला, आंवला, परवल, सत्तू, मूंग की दाल, हरी साग-सब्जियां, लौकी, पालक, नीबू, सोंठ, गाजर व मौसमी फलों को भी खाना चाहिए। अदरक के साथ उबला हुआ पानी, शहद मिला पानी या बारिश का पानी अधिक मात्रा में पीना चाहिए। इस मौसम में पुराने अनाज, सरसों का तेल, पीपल, काली मिरच, हरड़, बहेड़ा, आंवला, बेल, छोटी मूली, राई, धान का लावा, खस का पानी पीना अच्छा माना गया हैं। मांसाहारियों के लिए खरगोश व मरुस्थल के जंगलों में रहने वाले जानवरों का मांस खाना अच्छा माना जाता है। हरड़ के चूरन को शहद के साथ लेना ठीक माना जाता है।
Foods to avoid in spring season, वसंत के मौसम में क्या न खाएं
इस मौसम के रोगों से बचने के लिए चिकनाई वाले, खट्टे, मीठे और भारी पदाथों को नही खाना चाहिए। तले और मसालेदार भोजन तथा मिठाइयों का सेवन कम से कम से कम करना चाहिए। वसंत के मौसम में दिन में सोना एकदम छोड़ देना चाहिए क्योंकि इससे कफ और अधिक बढ़ जाता है। रात को जागते रहने से भी वायु की बीमारी और भी बढ़ जाती है। अत: रात में अधिक देर तक नहीं जागना चाहिए।
देर रात तक जागते रहने और सुबह देर तक सोए रहने से मल सूखता है, और भूख भी देर से लगती है तथा चेहरे और आंखों की चमक भी खत्म हो जाती है। इसलिए इस समय में रात को जल्दी सोकर सुबह भी जल्दी उठ जाना चाहिए।
Effects on body, मौसम का बॉडी पर प्रभाव
इस मौसम में शरीर में कफ का रोग होने लगता है क्योकि शिशिर के मौसम में शरीर में इक्कठा हुआ कफ वसंत के मौसम में सूरज की गरमी से पिघल जाता हैं। इससे पाचक अग्नि में रोग होने लगते हैं। इससे जी मिचलाना शुरू हो जाता हैं। इस मौसम में कफ इतना बढ़ जाता है इससे टांसिल्स, खांसी, गले में खराश, जुकाम, सर्दी और कफ- बुखार (फ्लू) जैसे रोग एकदम से घेर लेते हैं।
How to stay healthy, कैसे रहें हेल्दी
स्वास्थ्य को बनाए रखने का लिए वसंत के मौसम (Spring season) में रोज हमें हल्का व्यायाम करना चाहिए। सूरज उगने से पहले टहलना चाहिए, उबटन से मालिश तथा गुनगुने पानी से स्नान करना अच्छा रहता है। स्नान के बाद शरीर पर कपूर, चंदन, अगरु, कुमकुम, आदि महकने वाली चीजों का लेप लगाना चाहिए। शाम के समय दोबारा स्नान करना चाहिए। इस मौसम में जड़ी- बूटियों से बने धूम्रपान (सिगरेट) को पीना चाहिए और आंखो में काजल लगाना अच्छा रहता है।
इस समय के चैत्र के महीने में नीम की 10-15 पत्तियों को सुबह खाली पेट चबा-चबाकर खानी चाहिए। कुछ दिनों तक लगातार खाने से व्यक्ति को सारे साल खून के रोग, स्किन रोग, बुखार आदि नही होते हैं। प्रकृति की सुंदरता के साथ-साथ बाग-बगीचों में घूमने से भी मन और शरीर को खुशी मिलती है। इस मौसम में ढीले सूती कपड़े पहनने चाहिए, जो बहुत चटकीले रंगों के न हों। धूप में छाते या सिर पर टोपी का प्रयोग अच्छा रहता है। इससे हमें धूप नही लगती है।
sir kuchh din pahle leg workoutke din lungs marte wakt mera left pair dab gaya aur mera left testil me thoda dard hai to kya sir muze kitne din tak leg workout karna nahi chahiye. aur gym walo ko kaise hydrosil aur harnia ka samna karna padta hai wo bataye. plz
दो सप्ताह लेग का वर्कआउट न करें। हैवी कसरत करने के दौरान लंगोट पहन लेना चाहिए इससे लोवर एब्स की नसें नहीं खिंचती। हैवी वेट उठाने वालों को हार्निया हो सकता है मगर यह सबको नहीं होता बहुत कम चांस होते हैं। इसमें आप बहुत कुछ कर भी नहीं सकते। हमेशा अपनी कैपेसिटी से ज्यादा उठाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
sir kuch harnia ke lakshan bataye taki me jan saku ki muze he ya nahi
नीचे भारी पन और खिंचाव महसूस होता है।