जरा चेक करें, कहीं आपके भी एक हाथ का अंगूठा दूसरे से बड़ा तो नहीं हो गया है। इसे एक नया रोग तो हम नहीं कह सकते क्योंकि यह रोग नहीं बल्िक इंसानी जरूरत के हिसाब से शरीर का बदलना कहेंगे। एक सर्वे के मुताबिक, 18 से 34 साल के लोगों में यह बदलाव सामने आ रहा है।
एक नई रिसर्च ने दावा किया है कि ज्यादा काम करने वाली उंगली के साइज में 15 फीसदी तक का इजाफा हो रहा है। जवान युवक युवतियों में यह बदलाव सबसे ज्यादा है। लगातार टैपिंग और बड़े स्मार्टफोन को पकड़ने की वजह से 8 में से 1 शख्स के हाथ में यह बदलाव दिखाई पड़ रहे हैं। कुल मिलाकर देखें तो स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाले एक तिहाई लोगों ने यह महसूस किया है कि उनकी बॉडी में इसकी वजह से बदलाव आ गए हैं। करीब 10 लाख लोगों ने कहा कि बड़े मोबाइल फोन को पकड़ने की आदत की वजह से उनकी छोटी उंगली का गैप बढ़ गया है।
फोन कंपनी ओ2 की रिसर्च के मुताबिक, हर रोज करीब दो घंटे स्मार्ट फोन इस्तेमाल करते हुए बिताने वाले पांच में से दो लोग तो यहां तक मानते हैं कि उनकी बॉडी उनके हैंडसेट के हिसाब से खुद को लगातार एडजस्ट करती रहेगी।
हैंड थैरेपिस्ट निकोला गोल्डस्मिथ का कहना है कि हमारे अंगूठे के मसल्स बहुत जटिल होते हैं और उनका बेस हमारे अंगूठे के सबसे निचले हिस्से व कलाई में होता है। अंगूठे से स्वाइप करने की आदत के चलते मसल्स ज्यादा ताकतवर होने के साथ साथ उनका साइज भी बढ़ सकता है।
उन्होंने कहा जैसा कि रिसर्च से पता चलता है कि अंगूठे के मस्लस का आकार बढ़ना और सबसे छोटी उंगली का गैप बढ़ना जैसे बदलाव अब सामान्य होते जा रहे हैं क्योंकि जवा युवक युवतियां लंबे समय तक अपना फोन इस्तेमाल करने लगे हैं। यह ठीक वैसे ही है जैसे पॉकेट में फोन रखने वालों को अक्सर इस बात का अहसास होता है कि उनका फोन किसी कॉल अथवा मैसेज के चलते वाइबरेट हो रहा है।
हालांकि इन सबसे हम इस नतीजे पर नहीं पहुंच सकते कि अब आने वाली पीढ़ियों के अंगूठे मोटे मोटे होंगे क्योंकि अब ऐसे स्मार्ट फोन भी आ रहे हैं जो आवाज से यूजर की पहचान कर लेते हैं। ऐसे फोन में अंगूठे का काम कुछ कम हो जाता है।
ओ2 मोबाइल लाइफ रिपोर्ट ने 2000 लोगों को अपने सर्वे में शामिल किया। इनमें से करीब 19 फीसदी ने कहा कि वह मोबाइल के बिना एक दिन भी नहीं बिता सकते और करीब 20 फीसदी बोले कि उनके साथ ऐसा हुआ है कि वह मोबाइल इस्तेमाल करते करते ही सो गए।
स्रोत – डेली मेल