ज्यादातर फ्रूट जूस में जूस जैसा कुछ नहीं होता। वो सिर्फ बहुत मीठा शर्बत होता है, जिसमें रंग और स्वाद अलग से मिला होता है। अगर हेल्थ के नाम पर आप ऐसे जूस पी रहे हैं तो फिर चीनी का घोल ही पी लें वो बहुत सस्ता पड़ेगा। नुकसान उतना ही करेगा, जितना जूस करता है। आपको झूठमूठ का कैमिकल भी नहीं पीना पड़ेगा जो उसका फ्लेवर बनाने के नाम पर मिलाया जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि जो लोग रोज पैकेट वाला फ्रूट जूस पीते हैं उनका ब्लड प्रेशर कभी कभी पीने वालों के मुकाबले ज्यादा रहता है। वैज्ञानिकों ने पाया कि रोज एक गिलास जूस पीने वाले लोगों का सेंटर ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। यह वो जगह होती है जहां दिल ऑक्सीजन भरे रक्त को पंप करता है ताकि वह शरीर के सभी हिस्सों में भेजा जा सके। हाई सेंटर ब्लड प्रेशर के चलते दिल के दौरे का खतरा बढ़ सकता है।
ऑस्ट्रेलिया की स्विनबर्न यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के डॉक्ट मैथ्यू पेस कहते हैं कि फ्रूट जूस के रोज इस्तेमाल से सेंट्रल ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिसका संबंध कार्डियोवस्कुलर बीमारियों से है। ब्रिटेन के हेल्थ एक्सपर्ट तो अब ये कहने लगे हैं कि जूस मोटापे की आग में घी का काम कर रहा है। महज 250 एमएल जूस में आमतौर पर 115 कैलोरी पाई जाती है। सोच में पड़ने की कोई जरूरत नहीं है जनाब ज्यादातर फ्रूट जूस में फ्रूट का कुछ भी नहीं होता। कुछ गिनेचुने हैं जो थोड़ा बहुत फ्रूट मिला देते हैं, मगर क्या उतने फ्रूट से पैकेट वाले जूस के सारे पाप धुल जाएंगे ? नहीं। हो सकता है आप 100 परसेंट फ्रूट जूस ले आएं। पर जनाब फ्रूट में से उसका फाइबर निकाल दिया तो बचा क्या वही मीठा रस कैलोरी से भरपूर। और क्या आप ये बात नहीं जानते कि फ्रूट खाने के मुकाबले उसका जूस पीना बहुत घाटे का सौदा होता है।
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