जिन लोगों से यह आसन नहीं होता वह महज तीन मिनट के भीतर इसे करने के काबिल हो पाएंगे। डेढ़ मिनट बात का समझने में और बाकी के डेढ़ मिनट कोशिश करने में लगेंगे। योग के सबसे फेमस आसनों में से एक है पश्चिमोत्तानासन । यह बहुत आसान भी है और बहुत कठिन भी है।
योग कि एक किताब में इसके बारे में लिखा है कि इस आसन के नियमित और लंबे अभ्यास से इंसान की उम्र बहुत बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इसमें सांस छोटी हो जाती है और धर्म ग्रंथों के मुताबिक, हर शख्स तय शुदा सांसों के साथ जन्म लेता है गिनती खत्म इंसान खत्म। बहरहाल हम उस पहलू के बारे में बात नहीं करेंगे। इस आसन से कमर पतली और मजबूत होती है तथा यह गठिया, जांघ और पिंडलियों का दर्द कम करता है। ये तो इसके चंद फायदे हैं। इनके बारे में आगे विस्तार से बात करेंगे।
कैसे करें पश्चिमोत्तानासन
पैरों के अंगूठों को पकड़कर नाक को घुटनों से लगाना सबसे कॉमन है। शुरुआत में आप यहां तक पहुंचें। इसके बाद इसमें कई वैरिएशन हैं। जैसे अंगूठे को पकड़कर इतना झुकना कि कोहनियां जमीन को छू जाएं। इस अवस्था में आपकी नाक घुटने से जरा सी और नीचे चली जाएगी। कुछ लोग दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसा कर पंजों को पकड़ लेते हैं। कुछ लोग अपने हाथों को पंजों से भी आगे ले जाते हुए पैरों और अपर बॉडी को लगभग समानांतर (पैरलल) कर लेते हैं।
जिन लोगों से नहीं होता उन्हें क्या करना चाहिए
वो अपने दिमाग से यह निकाल दें कि नाक धुटने से नहीं लगेगी तो आसन नहीं लगेगा। बस यही गलतफहमी और इसे परफेक्ट तरीके न कर पाने का डर आपको इसे करने से रोक रहे हैं। आप आसन की अवस्था में बैठें और जितना हो सकता है उतना करें व जितनी देर हो सके ठहरें। बस आपके लिए उतना ही आसन है। पैरों के अंगूठे नहीं पकड़ सकते जो जहां तक हाथ जाते हैं वहीं रख लें। जितना झुक सकते हैं झुक कर रुक जाएं। बस यहीं लग गया आपका आसन। अभ्यास करें, वक्त के साथ यह और अच्छा होता जाएगा। योग के जानकार कभी आपसे एक दिन में परफेक्शन की उम्मीद नहीं करेंगे मगर हां प्रयास जरूर करें।
करने से पहले ध्यान रखें
1 यह आसन खाली पेट किया जाता है। किसी ने सुबह चाय पी ली है तो चलेगा, मगर भोजन के बाद नहीं करना चाहिए।
2 इसे कभी झटके से नहीं करना चाहिए। आराम से मुद्रा बनाएं। जितना झुक सकते हैं पहले उसका 60 फीसदी झुकें थोड़ा रुकें फिर 20 फीसदी और यहां भी थोड़ा रुकें और आखिर में 20 फीसदी और। मान लें आप यह आसन 30 सेकेंड के लिए करते हैं तो आखिर में 7 से 8 सेकेंड तक अपने को थोड़ा और खीचें। यही मूवमेंट आपको अभ्यास में तरक्की दिलाता है।
3 इस आसन को करने के बाद भुजंगासन व शलभासन करना चाहिए।
पश्चिमोत्तानासन के फायदे, Benefits of pashchimottanasan
1 कमर पतली और मजबूत बनती है। राजाकपोतासन से भी मजबूत बनती है कमर।
2 चेहरे पर तेज आ जाता है और मन खुश रहता है।
3 शरीर में रक्त का प्रवाह (Blood flow) बेहतर हो जाता है। गले, पेट, पैर के मसल्स में ब्लड फ्लो को दुरुस्त करने वाला आसन।
4 पीठ, कमर, गठिया और जांघ वगैरा का दर्द कम होता जाता है।
5 पेट के कीड़े मरते हैं और अच्छी भूख लगने लग जाती है।
6 सांस बहुत छोटी हो जाती है इसलिए उम्र बढ़ जाती है।
7 3 घंटे 48 मिनट इस आसन में बैठने से वो लाभ मिलता है जो समाधि में मिल पाता है।