क्योंकि चीन के मिल्क प्रोडक्ट्स में खतरनाक मेलामाइन की मिलावट कई बार सामने आ चुकी है। फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने चीन के दूध उत्पादों जैसे चॉकलेट, कैंडी, कंन्फेक्शनरी व इन चीजों को बनाने के लिए वहां से आने वाले कच्चे माल पर 23 जून 2016 तक के लिए रोक लगा दी है। मेलामाइन सफेद क्रिस्टल के रूप में आने वाला एक कैमिकल है। इसका इस्तेमाल प्लास्टिक, बर्तन बनाने और व्हाइट बोर्ड वगैरा बनाने में किया जाता है। इससे खासतौर पर किडनी की दिक्कत पैदा होती है। सन 2008 में चीन के मेलामाइन मिले मिल्क पाउडर के चलते कई बच्चों की मौत हो गई थी।
कितना खतरनाक है यह
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) का कहना है कि मेलामाइन का सीधा इंसानों पर तो प्रयोग नहीं किया गया मगर हां जानवरों का इसका परीक्षण किया गया है। उन नतीजों के आधार पर यह अंदाजा लगा सकते हैं कि इंसानों को इससे क्या नुकसान होता है। मेलामाइन बॉडी में जाने के बाद क्रिस्टल की शक्ल ले सकता है, जिसके चलते किडनी और मूत्राश्य में पथरी का खतरा पैदा होता है। ये छोटे छोटे क्रिस्टल किडनी की ट्यूब को बंद कर सकते हैं, जिसके चलते पेशाब बनना ही बंद हो सकता है और किडनी फेल हो सकती है। कुछ मामलों में मौत भी हो सकती है।
2008 का चीनी दूध कांड
सन 2008 में चीन में बनने वाले बच्चों के मिल्क पाउडर में मेलामाइन की मिलावट सामने आई थी। दूध में ज्यादा प्रोटीन दिखाने की मंशा से इसे पाउडर में मिलाया गया था। इस कांड से करीब तीन लाख बच्चे प्रभावित हुए थे और किडनी में पथरी व किडनी के फेल हो जाने के चलते कुछ बच्चों की मौत तक हो गई थी। दरअसल 16 जुलाई 2008 को यह बात तब सामने आई जब चीन के एक प्रांत में 16 बच्चों में लगभग एक ही समय पर किडनी में पथरी पता चली। इसके चलते चीन के दूध पाउडर पर रोक लगा दी गई थी। मिल्क प्रोडक्ट्स में मेलामाइन की मिलावट की खबर सामने आने के बाद चॉकलेट बनाने वाली कंपनी कैडबरी ने चीन में उसकी फैक्ट्रियों में बनी चॉकलेट को बाजार से वापस मंगा लिया था।
2007 पालतू जानवरों की मौत
चीन से आने वाले व्हीट ग्लूटेन और चावल के प्रोटीन में मेलामाइन पाया गया। दरअसल इन चीजों से अमेरिका में पालतू जानवरों के लिए खाना तैयार किया जाता था। इस खाने को खाकर बड़ी संख्या में कुत्ते और बिल्लियों की मौत हो गई। उनकी मौत की वजह थी किडनी का फेल होना।
स्रोत – डब्लूएचओ और वीकिपीडिया