एक आसान सा आसन है, जिसके एक दर्जन से ज्यादा फायदे हैं। इसका नाम है भुजंगासन। सांप को संस्कृत में भुजंग कहा जाता है। इस आसन में आपको नाग के जैसे फन उठाना है और बस कुछ नहीं करना। ये आसन मोटापे से जंग में मददगार है। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि स्त्री-पुरुष सबके लिए ये आसन फायदेमंद है।
कैसे करें भुजंगासन
बड़ा आसान है। जमीन पर छाती के बल लेट जाइए। आपका पूरा शरीर जमीन को छू रहा हो। अब अपनी नाभि से नीचे के हिस्से को वैसे का वैसा छोड़ दें और हथेलियों को पसलियों के पास रख नाभि से ऊपर के हिस्से को नाग के फन की तरह उठा लें। ध्यान रहे कि अपने हाथों को कंधों से ज्यादा दूर न ले जाएं, न ज्यादा आगे न ज्यादा खुले हुए। गर्दन को ऊपर उठा कर रखें मगर पीछे की ओर न ले जाएं। ऊपर की ओर ही देखें। इस दौरान कोशिश करें कि हाथों की ताकत का कम से कम इस्तेमाल हो। शुरू में भले ही आप हाथों पर वजन छोड़ें मगर धीरे धीरे हाथों पर जोर कम करते चले जायें।
इस आसन में वैरिएशन भी तीन हैं। एक में हथेलियां पसलियों से आधा फीट की दूरी पर रखते हैं। दूसरे में हथेलियों को कंधों के नीचे रखते हैं और तीसरे की तस्वीर आपके सामने है। कुछ योग स्कूलों में भुजंगासन करने के दौरान जब आप अपना सीना वापस जमीन की ओर लाते हैं तो सांप की मुंह से फुफकार की तरह सांस निकालना बताया जाता है। यानी नाक से सांस लेते वक्त ऊपर उठते हैं और मुंह से फू की आवाज करते हुए नीचे आते हैं।
पतंजली योग स्कूल में पूर्ण भुजंगासन के नाम से भी आसन कराया जाता है। इसमें दोनों हाथ सामने होते हैं और एक हथेली के ऊपर दूसरी रख दी जाती है। इसके बाद वही करना है जो बाकी विधियों में किया जाता है। सभी आसन सही हैं और सभी से लाभ मिलता है। वैसे भुजंगासन को उसके नाम के हिसाब से करा जाए तो वो तरीका ही सही होगा जिसमें हाथ पसलियों के नजदीक होते हैं और हाथों में कम से कम जोर देकर केवल छाती के हिस्से को ऊपर उठाया जाता है, क्योंकि सांप फन उठाते वक्त केवल अपनी कोर की ताकत का इस्तेमाल करता है उसके हाथ तो होते ही नहीं।
जरूरी बात : गभर्वती महिलाओं और हार्निया के रोगी को ये आसन नहीं करना चाहिए।
भुजंगासन के लाभ
1 मोटापा कम करता है। पेट को मजबूत और पाचन शक्ति को दुरुस्त करता है। भूख खुलकर लगती है।
2 कमर लचीली और मजबूत बनती है।
3 स्त्रियों की मासिक धर्म संबंधी गड़बड़ियों को ठीक करता है।
4 इसे आसन से चेहरे पर तेज व सुंदरता बढ़ती है।
5 इस आसन के अभ्यास से व्यक्ति साहसी बनता है।
6 भुजंगासन से थायराइड और पैरा थायराइड ग्लैंड्स पर प्रभाव पड़ता है।
7 गर्दन और पीठ (सरवाइकल) का दर्द दूर होता है।
8 गुस्से पर काबू करने में मदद मिलती है।